World’s ads celebrate 2022 : आपको बताते चलें एचआईवी ऐड्स एक ऐसी बीमारी न जाने कितने लोगों की जान ले ली है इस बीमारी से बचने के लिए लोगों में जागरूकता के साथ कई और अहम कदम उठाए गए जिसमें से एक वर्ल्ड ऐड्स डे भी आता है
यह हर साल इसलिए मनाया जाता है ताकि एड्स के बारे में लोगों को जानकारी मिले और इस बीमारी से लोग कोसों दूर है इसलिए हर साल एड्स दिवस मनाया जाता है एचआईवी वायरस एक ऐसा बीमारी है जिसका अभी तक कोई इलाज नहीं आया है। इसका सही उपचार जागरूकता ही है जिसके रोकथाम से यह बीमारी लोगों तक नहीं पहुंचती है। इस जागरूकता के लिए एड्स दिवस मनाया जाता है ।
वर्ल्ड एड्स दिवस 2022
एचआईवी संक्रमण एक ऐसा जानलेवा बीमारी है जो कि इंसान को खोखला कर देता है आज भी कोई तरह की गलत धरना है इस बीमारी को लेकर लोगों के अंदर है समाज में आज भी इस बीमारी से क्षतिग्रस्त जो भी लोग हैं उसको अलग भावनाओं से देखा जाता है।
डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें 2021 के अंत में दुनिया भर में करीब 3 करोड़ 39लाख लोग इस बीमारी की चपेट में संक्रमित हो गए थे। जबकि इस साल करीब 0.15 करोड़ लोगों को ही यह बीमारी हुई।
अगर पिछले साल का आखिरी कल आ जाए तो 2021 में लगभग 6लाख 50 हजार लोग इस संक्रमण बीमारी से अपनी जान गवा बैठे। इसलिए इस बीमारी का जागरूकता लाना बहुत ही अहम था इसलिए हर साल एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है।
जाने इतिहास वर्ल्ड एड्स का
तो बात किया जाए एड्स के इतिहास का तो इसका शुरुआत साल 1988 में शुरू कर दी गई थी इस साल डब्ल्यूएचओ पूरे देश में वैश्विक स्तर पर एड्स दिवस मनाने का ऐलान किया था।
सबसे पहले एड्स का 1981 में एक केस सामने आया था। इस संक्रमण बीमारी की जागरूकता फैलाने की काफी जरूरत थी । भयंकर बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता लाई गई और अब लोगों को शिक्षित करने का डब्ल्यूएचओ का एक अहम प्रयास रहा।
इस बरस लोगों को एड्स से बचने के लिए तरह-तरह जागरूकता और उपाय बताया जाता है ताकि किसी को एड्स ना हो। इस बीमारी से संक्रमित लोगों को लाल रिबन पहनकर समर्थन किया जाता है।
क्यों जागरूक किया जाता एड्स 2022 के कुछ थीम
इस बीमारी से जागरूक करने के लिए हर साल एड्स दिवस मनाया जाता है उस दिन का थीम तय की जाती है। पर बात किया जाए थीम की तो इस एड्स के समानता थीम तय की गई है।
थीम जो कि समाज में फैली हुई और संबंधों को उजागर करता हुआ एड्स को दूर और जड़ से खत्म करने का बहुत ज्यादा जोर देता है । कि एड्स एचआईवी संक्रमित वायरस से फैलता है
जिससे पीड़ित व्यक्ति प्रकृतिक प्रतिरोधी क्षमता उसके अंदर से खत्म हो जाती है। यह बीमारी संक्रमण और सुरक्षित यौन संबंध से होता है । पहले से किसी व्यक्ति कोई बीमारी हो उसका रखते गर्भावस्था में प्रसव के दौरान संक्रमित हो सकता है। और उस बच्चे को भी हो सकता के संक्रमण में आया हुआ हो।